Thursday, July 21, 2016

24 लाख की नौकरी छोड इंजीनियर ने अपनाई खेती: अब साल मे 2 करोड का टर्नअवर:उन्नत किसान सचिन काले

किसान भाईयो आज हम बिलासपुर के रहने वाले सचिन काले ने इंजीनियर के बारे मे बताने जा रहे है जिन्होने पढाई पूरी करके 2003 की नौकरी की शुरुआत नागपुर की एक कंपनी से की।

नागपुर मे नौकरी मिलने के कुछ महीनों बाद ही पुणे की एक कंम्पनी से ऑफर मिलने पर उन्होंने पुणे की वह कंम्पनी ज्वाइन कर ली और वहा नौकरी करने लगे।
 इसी बीच एनटीपीसी सीपत में वैकेंसी निकली सचिन ने एग्जाम क्लियर किया और 2005 में वहां नौकरी करने लगे। 3 साल बाद 2008 में एनटीपीसी की नौकरी छोड़कर पुणे चले गए।
तब उन्हें वहां 12 लाख रुपए सालाना पैकेज मिल रहा था। इसके बाद 2011 में दिल्ली की एक कंपनी ने उन्हें 24 लाख रुपए सालाना पैकेज पर हायर किया।
 सचिन के पास उस वक्त बंगला, गाड़ी, नौकर-चाकर और नामी कंपनी में इंजीनियर की नौकरी थी।
इस कंम्पनी मे 3 साल तक नौकरी करने के बाद नौकरी से उनका मन भर गया और 2014 में वह नौकरी छोड कर अपने घर लौट आए।
घर वापस आने पर उने पिता अशोक काले ने उनसे अपने फैमिली कारोबार आगे बढ़ाने के लिए कहा था, लेकिन सचिन काले ने पिता से कहा कि मै कारोबार करने के लिए गांव नहीं लौटे  हैं।मै खेती करूंगा।

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पिता को सचिन की यह बात थोडी अटपटी लगी, लेकिन वह बेटे से मना नहीं कर सके और सचिन अपने खेतो मे काम करना शुरू करदिया।सचिन की मेढ़पार में करीब 20 एकड़ पुश्तैनी जमीन है।
उन्होंने एक ट्रैक्टर लेकर खुद ही खेत की जुताई शुरू की।और सब्जी की खेती करना शुरू करदिया।
इंजीनियर तो थे ही इसका पूरा फायदा खेतो को फसलो के लिये डिजाईन मे उठाया।
साथ ही आस-पास के किसानों को भी अपने खेत में बुलाकर दिखाया कि कैसे अलग-अलग हिस्सों में कई तरह से सब्जी, भाजी, धान, दाल आदि की खेती की जा सकती है। 
खेती को दिया कॉर्पोरेट का रूप
सचिन काले ने शहर से गांव लाैटते समय ही मन बनालिया था कि खेती को कॉर्पोरेट का रूप देकर ही आगे बढा जासकता है।
इसके लिए उन्होंने इनोवेटिव एग्री लाइफ सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक कंम्पनी बनाई।
यह कंम्पनी ही इस खेती पर खर्च का इंतजाम करती है अौर उसका हिसाब किताब रखती है, जो इनकम होती है उसमें कंपनी का भी हिस्सा होता है।कंम्पनी और खेती को जोडकर ही सचिन ने नयी ऊँचाईया दी।
सचिन बताते हैं कि पिछले एक साल में उनकी कंपनी का टर्न ओवर दो करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
आस-पास के 70 गंवो के किसान आते हैं सलाह लेने
इंजीनियर की नौकरी छोड़कर खेती करने की सचिन की चर्चा आस-पास के गांव में फैली तो आस-पास के किसान उनकी फसलो को देखने के लिये आने लगे।

उनके खेतों में खड़े पौधे से कई किसान काफी प्रभावित हुए। उनकी देखादेखी उन्होंने भी अपने खेतों में ऐसी ही फसल ली।
पैदावार अच्छी हुई तो देखते ही देखते 2 साल में उनसे 70 किसान जुड़ गए, जो अब खेती की सलाह लेने आते रहते हैं।
दादा से मिली समाज के लिए काम करने की प्रेरणा
सचिन की उम्र करीब 38 साल है। करीब 12 साल तक उन्होंने नौकरी की जिसमे वह नागपुर, पुणे, दिल्ली, बंबई में रहे।
जब भी वे घर आते थे, तब उनके दादा वसंतराव काले उनसे कहते थे कि नौकरी में कुछ नहीं रखा है। सिर्फ पैसे कमाना ही जिंदगी नहीं है।
उनका कहना था कि समाज के लिए भी उन्हें कुछ करना चाहिए। 
इस बात ने उन्हें इंस्पायर किया और उन्होंने लोगों के लिए ताजी सब्जियां और आर्गेनिक फूड के प्रोडक्ट प्रोड्यूस करने की ठानी।और आज सचिन काले अपने ऐरिया के उन्नत किसान है जो सालाना करोडो कमाते है ।
सचिन काले से प्रेरणा लेकर दूसरे किसान भी सफलता की राह पर चलपडे है बहुत से किसान सचिन से जानकारी लेकर आर्गेनिक खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे है।


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