Sunday, July 24, 2016

अब सागवान 20 सालो मे नही 10 साल मे होजाएगा तैयार:किसानो के लिये होगा लाभदायक

मजबूत और चमकदार लक्डी (wood) के लिये सबसे अलग पहचान रखने पेड सागवान जो लगभग 20 से 25 सालो में पूर्ण रूप से विकसित होता था अब वही सागवान महज 10 सालों में ही पूर्ण रूप से तैयार हो जाएगा।

प्राकृतिक रूप से बढ़ने वाले पेड़ों को समय से पूर्व विकसित करने की तकनीक झारखंड के वन विभाग ने इजाद करली है।इसी तकनीक की सहायता से सागवान भी 10 साल तैयार हौगा। इस तकनीक का नाम हे रूट ट्रेनर।झारखंड वन विभाग की नर्सरी में सागवान के अलावा शीशम, गम्हार, आंवला और एकेसिया पर इसका सफल प्रयोग किया जा चुका है। इससे सागवान, शीशम जैसे पेड़ लगाने वाले किसानो भाईयो को बहुत लाभ मिलेगा। इसके साथ ही वृक्षारोपण को भी बढ़ावा मिलेगा।

रूट ट्रेनर क्या है?

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रूट ट्रेनर काले रंग के प्लास्टिक की कड़ी टैपरिंगवाली ग्लासनुमा संरचना है। जो एक भी हो सकती है और ट्रे नुमा फ्रेम में समान दूरी पर ढली हुई बहत सी एक साथ भी। प्रत्येक संरचना में नीचे की ओर छिद्र होते हैं। इन्हें जमीन से ऊपर स्टैंड पर रखा जाता है।
रूट ट्रेनर कैसे कार्य करता है?
आम तौर पर पौधों की तैयारी पॉलिथीन बैग में की जाती है. पॉलिथीन बैग में पौधों की तैयारी की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उसमें पौधों की जड़ें घुमावदार हो जाती है। इससे उनकी उत्तरजीवता पर खराब प्रभाव पड़ा है। जबकि रूट ट्रेनर में ऐसा नहीं होता है। पौधे की मूसला जड़ जब विकसित होकर रूट ट्रेनर के पेंदे पर स्थित छिद्र के पास पहुंचती है तो रूट ट्रेनर के जमीन के ऊपर स्टैंड पर रखे होने के कारण हवा के संपर्क में आती हैं। इससे मूसला जड़ों की वृद्धि स्वाभाविक रूप से रूक जाती है। ऐसा होने से मूसला जड़ में घुमाव की समस्या खत्म हो जाती है और उसमें प्रतिस्थानी जड़ें विकसित होने लगती हैं। 60 से 90 दिनों में रूट ट्रेनर में तैयार पौधे जमीन में गढ्डा कर रोपाई के लिए तैयार हो जाते हा।
इस तकनीक से बंजर भूमि में भी वृक्षारोपण होगा।
झारखंड के कुल भू-भाग 79.14 हजार वर्ग किमी की 20 प्रतिशत भूमि बंजर है. हालांकि वन भूमि के लिहाज से झारखंड काफी समृद्ध है. यहां 29 फीसद भू-भाग में जंगल है लेकिन गैर वन भूमि में पेड़ नहीं के बराबर हैं. वन विभाग की योजना गैर वानिकी क्षेत्र और बंजर भूमि में अधिक से अधिक वृक्षारोपण की है.

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किसानो के लिये आय का अच्छा स्रोत भी होगी यह तकनीक

भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी ने गैर वन क्षेत्र में पेड़ लगाने और ट्रांजिट रूल में परिवर्तन की वकालत की है. यदि कमेटी के सुझावों को भारत सरकार मान लेती है तो निजी जमीन में फसल की तरह पेड़ लगाए और काट कर बेचे जा सकते हैं। ऐसे में वन विभाग की यह तकनीक किसानो के लिये बहुत उपयोगी साबित होगी। इस तकनीक से कम समय में पेड़ तैयार करके और उन्हें बेचकर किसान अधिक लाभ अर्जित कर सकेंगे।


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28 comments:

  1. I am also interested in Teekwood plantation. Help me .

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  2. I am also interested in Teekwood plantation. Help me .

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  3. mmuujjhe bbhi bataya jjaaye mmaai bhi ped lagana chahata hu

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  4. I am already planting sagwan tree but this is dry tree so help some guidance plz

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  5. Iam intersted in Sagawan plantation pls help me

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  6. Sir I am Vinod kumar Sharma hamne mohamni ka ped lgata h 350 is ka keya life h or benefit keya hoga.please madad kiya jay

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  7. Shagon ke patto ko eilliya Nast kar rahi Hai ise rokane ke liye Kay kare please help

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  8. If you interest for sagwan plantation.
    Contact me- 7455094110

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  9. I am also interested
    7987099769 vivek Sahu

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  10. Dear sir were can I get these plants
    Please help 7766824501

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  11. Dear sir I need the plants kindly help us

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  12. दस साल हुये मैने सागवान लगाये हुये लेकिन उनकी जाडी नही बड रही उपाय बताये!
    फोन 9021473850

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  13. Sir mara pass sagwan ka pad ha bachna ha plz contact me6261909105

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  14. Sir, hamare 50 sagvan ke tree h
    Jinki lambi 30 feet h prntu mote nhi ho rahe h app mujhe. 🌲 mote hone ki davai chahiye

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  15. This comment has been removed by the author.

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  16. Sir you have written very Informative post here. I am also Sagwan farmer and blogger also you can read my Sagwan Plantation
    post and also see my farm photographs in the post.

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  17. हमे लगभग 400 सगवान की पेड लगवानी है हमे आप पेड मुहैया करवा सकते हैं झारखंड के बोकरो मे /7255800787/plz helff

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  18. किसी भी किसान व व्यापारी भाई को सागवन का पेड़ बेचना हो तो संपर्क करे। आर्यम सिंह - 8400775290

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  19. Ranchi ma sagwan ka plant khaha milta hai hybrid wala bataiya

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