हरितगृह या ग्रीनहाउस (पॉलीहाउस भी कहा जाता है) यह एक इमारत है, जिसके अंदर फसल या फूल पौधे उगाये जाते हैं।
ग्रीनहाउस कई तरह की आवरण सामग्रियों जैसे कांच या प्लास्टिक की छत के साथ साथ ही कांच या प्लास्टिक की दीवारों के साथ बनी एक संरचना है। ग्रीनहाउस के अंदर का तापमान अधिक होता है। क्योंकि सूर्य द्वारा भेजे जा रहे दृश्य सौर विकिरण को पौधों, मिट्टी और भवन के भीतर स्थित अन्य चीजों द्वारा अवशोषित किया जाता है।
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green house |
कांच या प्लास्टिक इस विकिरण के लिए पारदर्शी है। ग्रीनहाउस के भीतर गरम संरचनाएं और पौधे इस ऊर्जा को फिर से अवरक्त में विकीर्ण करते हैं। जिससे कांच आंशिक रूप से अपारदर्शी हो जाता है और वह ऊर्जा ग्रीनहाउस के भीतर कैद हो जाती है। हालांकि, प्रवाह के कारण उष्मा का कुछ नुकसान होता है, लेकिन इससे ग्रीन हाउस के अंदर ऊर्जा (और इस तरह तापमान) में विशुद्ध वृद्धि होती है। गर्म आंतरिक सतहों के ताप से गरम हुई हवा को छत और दीवार द्वारा ईमारत के अन्दर बरकरार रखा जाता है। इन संरचनाओं का आकार छोटे से शेड से लेकर बहुत बड़ी इमारतों तक हो सकता हैं।
ग्रीनहाउस को कांच के ग्रीनहाउस और प्लास्टिक ग्रीनहाउस के रूप में विभाजित किया जा सकता है।
प्लास्टिक में ज्यादातर पीई (PE) फिल्म और पीसी (PC) या पीएमएमए (PMMA) की कई दीवारों वाली चादरें प्रयुक्त की जाती है।
कांच के व्यावसायिक ग्रीनहाउस में अक्सर सब्जियों या फूलों के लिए उच्च तकनीक वाली उत्पादन सुविधाएं होती हैं। कांच के ग्रीनहाउस स्क्रीनिंग स्थापना, गर्म करने, ठंडा करने, प्रकाशमान करने जैसे उपकरणों से परिपुर्ण होते हैं और यह एक कंप्यूटर द्वारा स्वचालित रूप से नियंत्रित हो सकता है।
ग्रीनहाउस के लिए इस्तेमाल किया कांच हवा के प्रवाह के लिए एक बाधा के रूप में काम करता है और इसका प्रभाव ग्रीनहाउस के भीतर ऊर्जा को बांधकर रखने के रूप में पड़ता है, जो पौधों और इसके अंदर की जमीन दोनों को गर्म करता है। यह जमीन के पास की हवा को गर्म करता है और इस हवा को उपर उठने और बहकर दूर चले जाने से रोका जाता है। एक ग्रीनहाउस की छत के पास एक छोटी सी खिड़की खोलकर इसका प्रदर्शन किया जा सकता है। क्योंकि तापमान उल्लेखनीय रूप से काफी नीचे आ जाता है। यह सिद्धांत ठंडा करने की ऑटोवेंट स्वचालित प्रणाली पर आधारित है। एक अति लघु ग्रीनहाउस एक ठंडे फ्रेम के रूप में जाना जाता है।
ग्रीनहाउस का चलन भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है। बहुत से किसान आज ग्रीनहाउस बनवाकर उसमे आधुनिक खेती कर रहे है तथा अधिक से अधिक लाभ भी कमा रहे है।
ग्रीनहाउस में खीरा, शिमला मिर्च, टमाटर आदि सब्जियों के साथ साथ विदेशी फूलो की खेती अधिक लाभप्रद है।
पॉलीहाउस में सब्जियों की खेती
संरक्षित खेती मे किसान चुनिंदा सब्जिया बेमौसम मे भी उगाकर सामान्य से कई गुना अधिक लाभ ले रहे है।
पॉलीहाउस में खीरे की खेती
हमारे देश मे खीरे का उत्पादन अभी तक खुले वातावरण में ही ग्रीष्मकालीन फसल के रूप में किया जाता रहा हैं। खुले वातावरण मे फल मक्खी के अत्यधिक प्रकोप के कारण खीरे की अच्छी पैदावार लेने के लिए किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। सर्दी के मौसम व आरम्भिक बसंत व ग्रीष्म ऋतू में खीरे की उपलब्धता बाजार में कम होने के कारण इसकी खेती किसानों को इस समय ज्यादा लाभप्रद हो सकती हैं।
लेकिन किसान भाई पालीहाउस मे कम खर्च पर खीरे की दो फसलें ऊगा सकते हैं। फरवरी के महीने में बुवाई की गई फसल अप्रेल तक तैयार हो जाती है। इस समय बाजार में खीरे के भाव अधिक मिलता हैं। पॉलीहाउस की जाने वाली खेती पर कीटनाशकों व फफूंदनाशकों का छिड़काव किये बिना ही अच्छा फसल उत्पादन कर सकते हैं।
पॉलीहाउस में खीरे के सफल उत्पादन के लिए किये जाने वाले कार्य
पॉलीहाउस में खीरे का अधिक उत्पादन लेने के लिए किसान पार्थिनोकार्पिक किस्में जिनमे बिना परागकण के ही फल तैयार होते हैं जैसे की क्यानख, पी.सी.पी.एच.-5, इसेटिस, मल्टीना, मनसोर आदि किस्मो का ही चुनाव करे।
पॉलीहाउस की ऊंचाई के अनुसार एक या दो टहनियां लेकर रस्सी या सुतली की सहायता से आगे बढ़ने दे। तथा अतिरिक्त टहनियों की कटाई-छटाई करते रहें।
पहली पांच गांठों तक फूलों को निकाल दें।
फसल सिंचाई
पॉलीहाउस मे खीरे की अधिक पैदावार के लिए ड्रिप विधि से सिंचाई करें तथा तरल खाद पौधे लगाने के तीन सप्ताह बाद भूमि के उपजाऊपन के अनुसार सप्ताह में एक या दो बार दें तथा अंतिम तोड़ाई से 15 दिन पहले तरल खाद देना बंद कर दें।
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