Wednesday, January 31, 2018

गाजर की खेती से यहा कमाते है किसान 3 महीने में 2 करोड़ रुपये



आमतौर पर हमारे देश के किसान ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि गाजर की खेती से मात्र तीन माह में दो करोड़ रुपए की कमाई कर सकते है। लेकिन अब ऐसा हो रहा है। भरतपुर के एक गांव इंद्रोली मे। इस गांव के किसानों को जब लुपिन फाउण्डेशन ने उच्च गुणवत्तायुक्त बीज देने के साथ ही खेती करने की तकनीक और अच्छे बाजार की जानकारी दी तो उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इस सपने को हकीकत में तब्दील करदिया। आज इंद्रोली गांव की स्थिति यह है कि इस गांव से प्रतिदिन करीब 100 कुंतल गाजर नई दिल्ली, गुडग़ांव अथवा आस-पास की मंडियों में विक्रय के लिए भेजी जाती हैं।



इन्द्रोली गांव की जमीन रेतीली एवं उपजाऊ होने के साथ ही यहा सिंचाई के लिए भरपूर मीठा पानी उपलब्ध है। जो गाजर के अच्छे उत्पादन सहायक है। इसी वजह से यहा के किसानों को गाजर की बम्पर पैदावार मिलती है। इसके साथ ही इस गांव के किसान अपनी गाजर की फसल को उच्च मूल्य पर बेचने के लिए इसकी बुवाई अगस्त माह में ही कर देते हैं। और इन किसानों की गाजर की फसल अक्टूबर माह मे ही बाजार में आना शुरू हो जाती है जिससे किसानों को इस फसल का कई गुना अधिक मूल्य मिलता है।

जीवामृत उत्पादन बढ़ाने के साथ ही भूमि की उर्वराशक्ति भी बढ़ा रहा है।


इन्द्रोली गांव में लगभग 250 बीघा भूमि में गाजर की फसल उगाई जाती है। जिसके लिए पांच-छह बार सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है और गाजर की खुदाई के बाद इसकी धुलाई के लिए जो मजदूरो पर खर्च होता था उसे कम करने के लिए किसानों ने गजर की धुलाई के लिए दो धुलाई मशीनें खरीद खरीदी है। इन मशीनों की सहायता से किसान मात्र एक घण्टे में करीब 20 क्विंटल गाजरों की धुलाई कर लेते हैं।

अब नाम से बिकती हैं गाजर

इंद्रोली के किसानों को लुपिन फाउण्डेशन ने अधिक उत्पादन देने वाले गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराए। और किसानों ने भी खूब मेहनत की जिसके कारण आज इन्द्रोली की गाजर पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध हो गई। आब स्थिति यह है कि कोसी अथवा होडल की सब्जी मण्डियों में इन्द्रोली की गाजर दाम से नहीं अब तो नाम से बिकती है और रेट भी अधिक मिलता हैं। इन्द्रोली गांव के किसानों को समय-समय पर गाजर की फसलों में लगने वाले रोगों की रोकथाम के अलावा फसल क्रिया की भी लुपिन फाउण्डेशन के विषय-विशेषज्ञों द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। अगेती गाजर की बुवाई करने वाले किसान इसकी फसल लेने के बाद गेहूं की बुवाई कर देते हैं जबकि पछेती बुवाई करने वाले किसान गाजर की फसल के बाद मूंग अथवा अन्य दलहनी फसलों की बुवाई करते हैं जिसके कारण इनकी आय में और वृद्धि हो जाती है।


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3 comments:

  1. गाजर की खेती करने का सही समय क्या है।अभी जनवरी में बिजाई कर सकते है। खेत तैयार है।

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  2. गाजर की खेती करने का सही समय क्या है।अभी जनवरी में बिजाई कर सकते है। खेत तैयार है।

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