मटका खाद
किसान भाईयो जैविक उर्वरको में मटका खाद अपना एक विशेष स्थान रखती है। इस खाद के प्रयोग से पौधे अच्छी तरह से उगते हैं। और इनकी बढ़वार भी ठीक प्रकार से होती है।मटका खाद भी दूसरी जैविक खादों की तरह ही काफी कम खर्च में हमारे आस-पास मौजूद चीजों से ही तैयार हो जाती है। जैविक उर्वको को बढ़ावा देने का मकसद भी यही है कि ये खाद हमारे पास मौजूद जैविक कचरो से ही कम खर्च पर तैयार होने के साथ-साथ वातावरण को भी प्रदूषण मुक्त कर रही है। और हमारे स्वास्थ्य पर जो रासायनिक उर्वरकों का दुष्प्रभाव पड़ रहा है उसे भी बचा रही है। किसानों द्वारा अपने खेतों मे लगातार जैविक उर्वरको का उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति तो बढ़ ही रही है।साथ फसल उत्पादन पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ रहा है।
किसान भाईयो जैविक खाद तैयार करने की कई विधियां है जैसे- नाडेप विधि, वर्मीकम्पोस्ट(केचुआ खाद), बायोगैस स्लरी आदि। इन्ही मे एक विधि है मटका विधि जिससे हम अच्छी क्वालिटी की जैविक खाद कम खर्च में तैयार कर सकते है। इस लेख मे हम मटका विधि से खाद बनाने के बारे मे जानकारी दे रहे है।
मटका खाद बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
किसान भाईयो अच्छी किस्म की मटका खाद बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है।
1- 15 लीटर गाय, भैंस का मूत्र
2- 250 ग्राम
3- एक मिट्टी का मटका या प्लास्टिक का पात्र
4- 15 लीटर पानी
5- गाय या भैंस का 15 किलो ताजा गोबर
सफेद मूसली की खेती ने किसान को किया मालामाल
विदेशी पौधों की सप्लाई ने बना दिया करोड़पति। किसान भी इनका बाग लगाकर कर सकते है अधिक कमाई
2- 250 ग्राम
3- एक मिट्टी का मटका या प्लास्टिक का पात्र
4- 15 लीटर पानी
5- गाय या भैंस का 15 किलो ताजा गोबर
सफेद मूसली की खेती ने किसान को किया मालामाल
विदेशी पौधों की सप्लाई ने बना दिया करोड़पति। किसान भी इनका बाग लगाकर कर सकते है अधिक कमाई
मटका खाद बनाने की विधि
किसान भाई ये पांचो सामग्री इकट्ठा करले। इसके बाद मटके मे 15 लीटर साफ पानी डाल कर उसमें 250 ग्राम गुड़ मिलाकर इसका अच्छी तरह से घोल तैयार करे। फिर मटके में गाय या भैंस का मूत्र डाल कर किसी लकड़ी की सहायता से हिला दीजिये। इसके बाद मटके में 5 लीटर गौमूत्र, 5 किलो गोबर मिला दीजिये और एक लकड़ी की सहायता से दो मिनट तक सीधा और फिर उलटा घुमाइये। इसे क्रमवार दो बार करके सभी सामग्री अच्छी तरह मिला दीजिये। कुछ देर बाद 5 मिनट तक लकड़ी के डण्डे की सहायता से घुमाइये। और इसके बाद मटके का मुँह ढक्कन से बंद कर दीजिये और ढक्कन के ऊपर गोबर व मिट्टी लेप चढ़ा दीजिये। अब इस मटके को किसी छायादार जगह पर रखदे। करीब 7 से 10 दिन बाद मटका खाद तैयार हो जायेगी।
मटका खाद का प्रयोग कैसे करे।
किसान भाई मटका खाद का प्रयोग अपनी फसलो पर इसे छिड़क कर कर सकते है स्प्रे मशीन की सहायता से इसका छिड़काव फसल पर आसानी से किया जा सकता है।
फसल पर मटका खाद के छिड़काव के लिए किसान भाई 150 लीटर पानी मे इस मटका खाद को मिला कर 30 मिनट तक घुमाकर इसे अच्छी तरह से मिलाले। इसके बादा 1 बीघा खेत में इस घोल का छिड़काव करें।
फसल पर मटका खाद के छिड़काव के लिए किसान भाई 150 लीटर पानी मे इस मटका खाद को मिला कर 30 मिनट तक घुमाकर इसे अच्छी तरह से मिलाले। इसके बादा 1 बीघा खेत में इस घोल का छिड़काव करें।
कब करे फसलो पर मटका खाद का छिड़काव
किसान भाईयो वैसे तो आप किसी भी समय मटका खाद का प्रयोग अपनी फसल में कर सकते है। लेकिन अच्छे उत्पादन के लिए मटका खाद का पहला छिड़काव अपने खेत मे बुआई से दो दिन पहले करे। इसके बाद दूसरा छिड़काव फसल बुआई के 55 से 60 दिन बाद करे तथा तीसरा छिड़काव फसल पर फूल आने के समय करें।
कुछ ध्यान देने योग्य बाते
1- जब आपकी खाद तैयार हो जाए तब दो से तीन दिनों अंदर ही इस खाद का प्रयोग कर लें। अधिक दिनों तक रखी गयी मटका खाद का सही लाभ नही मिलता है।
2- फिर से प्रयोग हेतु जब आप दूसरा व तीसरा छिड़काव कर रहे हों तब फिर से मटका खाद को बनाएं।
3- जब मिट्टी में नमी हो तब ही आपको मटका खाद का प्रयोग करते समय ध्यान रखना चाहिए कि खेत मे पर्याप्त नमी बनी रहे।
4- अनाज वाली फसलो पर मटका खाद बुआई के 25 दिनों और 50 दिनों के बाद पानी के साथ मिलाकर इसका छिड़काव करें।
5- गोबर औऱ गौमूत्र 7 दिन से अधिक पुराना नही होना चाहिए।
खीरे की आधुनिक खेती किसानों को दे रही है पैसा
वैज्ञानिक तरीके से करे आलू की खेती। मिलेगा अधिक लाभ
इस प्रकार करे करेले की खेती, मिलेगी बम्पर पैदावार
2- फिर से प्रयोग हेतु जब आप दूसरा व तीसरा छिड़काव कर रहे हों तब फिर से मटका खाद को बनाएं।
3- जब मिट्टी में नमी हो तब ही आपको मटका खाद का प्रयोग करते समय ध्यान रखना चाहिए कि खेत मे पर्याप्त नमी बनी रहे।
4- अनाज वाली फसलो पर मटका खाद बुआई के 25 दिनों और 50 दिनों के बाद पानी के साथ मिलाकर इसका छिड़काव करें।
5- गोबर औऱ गौमूत्र 7 दिन से अधिक पुराना नही होना चाहिए।
खीरे की आधुनिक खेती किसानों को दे रही है पैसा
वैज्ञानिक तरीके से करे आलू की खेती। मिलेगा अधिक लाभ
इस प्रकार करे करेले की खेती, मिलेगी बम्पर पैदावार
मटका खाद मटके में ही क्यू बनाई जाती है बाल्टी में क्यू नहीं
ReplyDeleteउत्तर केसे आएगा
DeleteUseful information thanks.Organic Manure In Hindi
ReplyDelete